अवसाद/Depression

5 करोड़ से ज़्यादा मरीज़ों के साथ डिप्रेशन भारत के लिए है एक बड़ी चुनौती... मनिष कुमार छात्र पत्रकारिता विभाग, काॅलेज ऑफ काॅमर्स,पटना अवसाद (डिप्रेशन) भारत और पूरी दुनिया के लिए एक चिंता का विषय है। एक बार "मन की बात" में हमारे प्रधानमंत्री ने इससे ग्रसित लोगों के लिए चिंता दिखाई। ये अपने-आप में एक बेहतर क़दम है। लेकिन क्या सिर्फ़ बात करने से इतनी बड़ी चिंता हल हो जायेगी? या फिर ज़रूरत है इसके कुछ पहलुओं पर बहस करने की? ऐसा क्यों है? कितने प्रतिशत लोग इससे पीड़ित है? विषय क्या है? इसके कारण क्या हैं? दुनिया भर के आंकड़े क्या कहते हैं? समाधान क्या है? अवसाद की दुनिया में कोई मुख्य वजह नहीं है। कई अलग-अलग कारणों से एक अच्छा-भला व्यक्ति, कुछ सवालों के जवाब ढूंढते हुए, अवसाद के अंधेरे कोने में जा पहुंचता है। ●पारिवारिक कलह, ●आपसी मतभेद, ●करियर बनने में देरी, ●प्यार में धोखा, ●नौकरी, ●रिश्ते, ●शारीरिक कमज़ोरी, ●बेरोज़गारी, ●आशा-निराशा, ●समाज,● कुरीति और ●उम्मीदों के बोझ के कारणों से अवसाद की स्थिति पैदा हो सकती है। लेकिन एक बात जो सबसे महत्वपूर्ण है वो है इसके लक्षण की पहचा...