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Showing posts from February, 2018

क्योंकि पेशे से हम पत्रकार है!!

समय के अभाव से गुस्साते परिवार-रिश्तेदार है साथ ही ना अच्छा घर ना कार है क्योंकि पेशे से हम पत्रकार है! नेता-मंत्री हो या पुलिस-अधिकारी सारे करते घपले-घोटाले और भ्रष्टाचार ...

प्रेम: दृष्टिकोण, ना की केंद्रीकरण

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कल वेलेंटाइन डे है। इसलिए कई लड़के लड़कियां, सारी दुनिया को भूल कर अपने प्रेमी जोड़ के लिए दिन को खास बनाने में मशगूल है। इस तरह के लोग इतना ज्यादा केंद्रित हो जाते हैं कि ना किसी दोस्त को टाइम देते ना ही परिवार वालों से बात करते। मेरे ख्याल से वे शायद प्रेम को समझ ही नहीं पाते। या फिर मेरी ही सोच इतर है। मनिष कुमार काॅलेज ऑफ काॅमर्स, पटना। क्योंकि प्रेम किसी एक व्यक्ति से हमारे संबंधों का नाम नहीं है। यह एक दृष्टिकोण है, एक चारित्रिक रुझान है जो किसी व्यक्ति के साथ-साथ पूरी दुनिया से हमारे संबंधों को अभिव्यक्त करता है। वह केवल एक लक्ष्य और उसके साथ के संबंधों का नाम नहीं है। यदि एक व्यक्ति केवल दूसरे एक व्यक्ति से प्रेम करता है और अन्य सभी व्यक्तियों में उसकी रुचि नहीं है, तो उसका प्रेम, प्रेम न होकर उसके अहम या लालच या हवस का विस्तार मात्र है। फिर भी ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि प्रेम एक 'लक्ष्य' है न कि एक 'क्षमता'। वे समझते हैं और भूल भी करते हैं कि यदि वे केवल अपने 'प्रेमी' या 'प्रेमिका' से ही प्रेम करते हैं, तो यह उनके प्रेम की गह...

हा-हा-हा..कौन पिघल रहा है?

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वैसे तो प्यार/मोहब्बत का कोई एक तारीख़ नहीं होता. लेकिन प्यार करने वाले 14 फरवरी (वेलेंटाइन डे) को एक त्योहार की तरह ही मनाते हैं. ऐसे में जब ये त्योहार 1-2 दिनों की दूरी पर हो. तब सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल होता है, जिसे देखकर लोगों को स्कूल वाला प्यार अचानक से याद आने लगता है. वही स्कूल वाला प्यार, जिससे कभी कुछ बोल ना सके, या वह स्वीकार नहीं की, या जिससे ब्रेकअप हो गया, या जिसका अब कोई अता-पता नहीं, या वह अब दो बच्चों की माँ है। हम उसी वायरल वीडियो की बात कर रहे है, जिसमें एक स्कूली छात्रा और छात्र आंखों के ज़रिए एक-दूजे से दिल की बातें कर रहे हैं. यह वीडियो एक गाने का छोटा सा हिस्सा है. वीडियो में जो लड़की नज़र आ रही हैं, वो मलयालम एक्ट्रेस #प्रिया_प्रकाश_वारिया हैं. लोग प्रिया प्रकाश की तस्वीरों को फ़ेसुबक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर शेयर कर रहे हैं. और कैप्शन में एक लाइन लिख रहे हैं।#सख़्त_लौंडा_पिघल_रहा_है... जो की लड़को के सख्त होने लेकिन तस्वीर या वीडियो देख कर पिघलने की बात का पुष्टि कर रहा हैं. नोट- मेरे जैसे भी कुछ लड़के है, जो अभी भी नहीं पिघले। #क्य...

प्रोफेसर नाॅट ए डिक्टेटर...

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जब कोई मरीज मरता है, तो लोग कहते हैं- डॉक्टर ने गलत इलाज किया होगा या फिर दवा ही गलत होगा। वैसे ही जब कोई इमारत ढहता है, या कोई पुल टूटता है तो लोग कहते हैं इंजीनियर गलत नक्शा बनाया होगा या फिर उसमें लगने वाले मटेरियल सीमेंट-बालू ही खराब होंगे। पर जब कोई विधार्थी फेल होता है या उसका रिजल्ट खराब होता है तो उसके अभिभावक या दूसरे लोग यह नहीं कहते हैं कि शिक्षक खराब होगा या फिर उसका किताब जिससे वह पढ़ा उसी में कोई कमी होगी। क्योंकि आदीकाल से ही शिक्षकों के बारे में यह राय स्थापित हो चुका है कि वे गलत नहीं हो सकते! क्यों भाई एक शिक्षक क्यों नहीं खराब/गलत हो सकता? वह वर्षों पहले के गुरुजी हुआ करते होंगे जो एकदम से परफेक्ट होते होंगे। आजकल के शिक्षक जात-पात के नाम पर, धर्म के नाम पर या फिर किसी और कारण की वजह से कुछ छात्रों के साथ होते हैं। तो कुछ के विरुद्ध। जो अपना मूल काम पठन-पाठन को छोड़कर अन्य कामों में ज्यादा व्यस्त दिखते हैं। हमलोगों के यहां एक कहावत है "ज्यों-ज्यों मुर्गी बढ़ती है, त्यों-त्यों दुम सुटकाती आती है"। यह कहावत एकदम से बिहार की शिक्षा व्यवस्था और य...